हिन्दी ध्वन्यात्मक भाषा है, अर्थात इसकी प्रत्येक ध्वनि के लिए उसकी लिपि में संकेत चिह्न उपलब्ध है। इसलिए यह समझा जाता है कि इसे लिखते समय वर्तनी में किसी गलती की संभावना ही नहीं है। लेकिन आज यह दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति हमारे सामने है कि हम लिखने में ही वर्तनी की त्रुटियाँ देख रहे हैं।