ऋग्वेद 1.22.5
हिरण्यपाणिमूतये सवितारमुप ह्वये। स चेत्ता देवता पदम्॥5॥
पदपाठ — देवनागरी
हिर॑ण्यऽपाणिम्। ऊ॒तये॑। स॒वि॒तार॑म्। उप॑। ह्व॒ये॒। सः। चेत्ता॑। दे॒वता॑। प॒दम्॥ 1.22.5
PADAPAATH — ROMAN
hiraṇya-pāṇim | ūtaye | savitāram | upa | hvaye | saḥ | cettā | devatā |
padam
देवता — सविता ; छन्द — गायत्री;
स्वर — षड्जः; ऋषि — मेधातिथिः काण्वः
मन्त्रार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
मैं (ऊतये) प्रीति के लिये जो (पदम्) सब चराचर जगत् को प्राप्त और (हिरण्यपाणिम्) जिससे व्यवहार में सुवर्ण आदि रत्न मिलते हैं, उस (सवितारम्) सब जगत् के अन्तर्यामी ईश्वर को (उपह्वये) अच्छी प्रकार स्वीकार करता हूँ (सः) वह परमेश्वर (चेत्ता) ज्ञानस्वरूप और (देवता) पूज्यतम देव है॥5॥
भावार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
मनुष्यों को जो चेतनमय सब जगह प्राप्त होने और निरन्तर पूजन करने योग्य प्रीति का एक पुञ्ज और सब ऐश्वर्य्यों का देनेवाला परमेश्वर है, वही निरन्तर उपासना के योग्य है, इस विषय में इसके बिना कोई दूसरा पदार्थ उपासना के योग्य नहीं है॥5॥ यह चौथा वर्ग पूरा हुआ॥
रामगोविन्द त्रिवेदी (सायण भाष्य के आधार पर)
5. सुवर्ण-हस्तक सूर्य को, रक्षा के लिए, मैं बुलाता हूँ। वे ही देव यजमान को मिलनेवाला पद बता देंगे।
Ralph Thomas Hotchkin Griffith
5. For my protection I invoke the golden-handed Savitar. He knoweth, as a
God, the place.
Translation of Griffith
Re-edited by Tormod Kinnes
For my protection I invoke the golden-handed Savitar. He knows, as a God,
the place. [5]
H H Wilson (On the basis of Sayana)
5. In invoke Savita, the golden-handed, to protect me: he will appoint the station of the worshippers.
Savita is, ordinarily, a synonym of the sun. Golden-handed3. suvarnahasta, is explained either, he who gives gold to the worshipper, or by a Vedic legend- At a sacrifice performed by the gods, Surya undertook the office of Rtvij, but placed himself in the station of the Brahma- The Adhvaryu priests, seeing him in that position, gave him the oblation termed Prasitra, which, as soon as received by Surya, cut off the hand that had improperly accepted it. The priests who had given the oblation bestowed upon Surya a hand of gold. The legend is narrated in the Kausitaki, it is said; but there Surya loses both his hands.