ऋग्वेदः 1.14.6
घृतपृष्ठा मनोयुजो ये त्वा वहन्ति वह्नयः। आ देवान्त्सोमपीतये॥6॥
पदपाठ — देवनागरी
घृ॒तऽपृ॑ष्ठाः। मनः॒ऽयुजः॑। ये। त्वा॒। वह॑न्ति। वह्न॑यः। आ। दे॒वान्। सोम॑ऽपीतये॥ 1.14.6
PADAPAATH — ROMAN
ghṛta-pṛṣṭhāḥ | manaḥ-yujaḥ | ye | tvā | vahanti | vahnayaḥ | ā | devān |
soma-pītaye
देवता — विश्वेदेवा:; छन्द — गायत्री; स्वर — षड्जः;
ऋषि — मेधातिथिः काण्वः
मन्त्रार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
हे विद्वानो ! जो युक्ति से संयुक्त किये हुए (घृतपृष्ठाः) जिनके पृष्ठ अर्थात् आधार में जल है (मनोयुजः) तथा जो उत्तम ज्ञान से रथों में युक्त किये जाते (वह्नयः) वार्त्ता पदार्थ वा यानों को दूर देश में पहुँचाने वाले अग्नि आदि पदार्थ हैं, जो (सोमपीतये) जिसमें सोम आदि पदार्थों का पीना होता है उस यज्ञ कि लिये (त्वा) उस भूषित करने योग्य यज्ञ को और (देवान्) दिव्यगुण दिव्यभोग और वसन्त आदि ॠतुओं को (आवहन्ति) अच्छी प्रकार प्राप्त करते हैं, उनको सब मनुष्य यथार्थ जान के अनेक कार्य्यों को सिद्ध करने के लिये ठीक-2 प्रयुक्त करना चाहिये॥6॥
भावार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
जो मेघ आदि पदार्थ हैं, वे ही जल को ऊपर-नीचे अर्थात् अन्तरिक्ष को पहुँचाते और वहाँ से वर्षाते हैं, और ताराख्य यन्त्र से चलाई हुई बिजली मन के वेग के समान वार्त्ताओं को एक देश से दूसरे देश में प्राप्त करती है। इसी प्रकार सब सुखों को प्राप्त करानेवाले ये ही पदार्थ हैं, ऐसी ईश्वर की आज्ञा है॥6॥
रामगोविन्द त्रिवेदी (सायण भाष्य के आधार पर)
6. अग्नि! संकल्पमात्र से ही तुम्हारे रथ में जो जुटनेवाले दीप्त पृष्ठवाहक तुम्हें ढोते हैं, उनके द्वारा ही देवों को सोमरस पान करने के लिए बुलाओ।
Ralph Thomas Hotchkin Griffith
6. Let the swift steeds who carry thee, thought-yoked and dropping holy
oil, Bring the Gods to the Soma draught.
Translation of Griffith
Re-edited by Tormod Kinnes
Let the swift steeds who carry you, thought-yoked and dropping holy oil,
Bring the gods to the soma draught. [6]
Horace Hayman Wilson (On the basis of Sayana)
6. Let the coursers who convey you, glossy-backed, and harnessed at will, bring the gods to drink the Soma juice.
Glossy-Backed- Ghrta prsthah1. their backs shining with or from ghee or clarified butter; the commentary says, with which the horses are fed.