ऋग्वेदः 1.13.9
इळा सरस्वती मही तिस्रो देवीर्मयोभुवः। बर्हिः सीदन्त्वस्रिधः॥9॥
पदपाठ — देवनागरी
इळा॑। सर॑स्वती। म॒ही। ति॒स्रः। दे॒वीः। म॒यः॒ऽभुवः॑। ब॒र्हिः। सी॒द॒न्तु॒। अ॒स्त्रिधः॑॥ 1.13.9
PADAPAATH — ROMAN
iḷā | sarasvatī | mahī | tisraḥ | devīḥ | mayaḥ-bhuvaḥ | barhiḥ | sīdantu |
asridhaḥ
देवता — तिस्त्रो देव्यः- सरस्वतीळाभारत्यः ; छन्द — निचृद्गायत्री ;
स्वर — षड्जः;
ऋषि — मेधातिथिः काण्वः
मन्त्रार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
हे विद्वानो ! तुम लोग एक (इडा) जिससे स्तुति होती, दूसरी (सरस्वती) जो अनेक प्रकार विज्ञान का हेतु, और तीसरी (मही) बडों में बडी पूजनीय नीति है, वह (अस्रिधः) हिंसारहित और (मयोभुवः) सुखों का सम्पादन करानेवाली (देवी) प्रकाशवान् तथा दिव्य गुणों को सिद्ध कराने में हेतु जो (तिस्रः) तीनप्रकार की वाणी है, उसको (बर्हिः) घर-2 के प्रति (सीदन्तु) यथावत् प्रकाशित करो॥9॥
भावार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
मनुष्यों को ‘इडा’ जो कि पठनपाठन की प्रेरणा देनेहारी, ‘सरस्वती’ जो उपदेशरूप ज्ञान का प्रकाश करने, और ‘मही’ जो सब प्रकार से प्रशंसा करने योग्य हैं, ये तीनों वाणी कुतर्क से खण्डन करने योग्य नहीं है, तथा सब सुख के लिये तीनों प्रकार की वाणी सदैव स्वीकार करनी चाहिये, जिससे निश्चलता से अविद्या का नाश हो॥9॥
रामगोविन्द त्रिवेदी (सायण भाष्य के आधार पर)
9. सुखदात्री और अविनाशिनी इला, सरस्वती और मही आदि तीनों देवियाँ (अग्नि) इन कुशों पर विराजें।
Ralph Thomas Hotchkin Griffith
9. Ila, Sarasvati, Mahi, three Goddesses who bring delight, Be seated,
peaceful, on the grass.
Translation of Griffith
Re-edited by Tormod Kinnes
Ila, Sarasvati, Mahi, three Goddesses who bring delight, Be seated,
peaceful, on the grass. [9]
Horace Hayman Wilson (On the basis of Sayana)
9. May the three undecaying goddesses, givers of delight, Ild, Sarasvati, and Mahi, sit down upon the sacred grass.
Mahi2 is said to be a synonym of Bharati, as appears from an analogous passage, where the names occur Ila, Sarasvati, Bharati. These are also designated by the Scholiast as personifications of Agni. Agnimurtayah they are also called three personified flames of fire. As goddesses, the first, Ila, is the earth, the bride of Vishnu; Sarasvati is, as usual, the goddess of eloquence, and wife of Brahma; the third, synonymous with speech, is called the wife of Bharata, one of the Adityas; but these mythological personifications are of a post-Vedic period.