ऋग्वेद 1.17.1
इन्द्रावरुणयोरहं सम्राजोरव आ वृणे। ता नो मृळात ईदृशे॥1॥
पदपाठ — देवनागरी
इन्द्रा॒वरु॑णयोः। अ॒हम्। स॒म्ऽराजोः॑। अवः॑। आ। वृ॒णे॒। ता। नः॒। मृ॒ळा॒तः॒। ई॒दृशे॑॥ 1.17.1
PADAPAATH — ROMAN
indrāvaruṇayoḥ | aham | sam-rājoḥ | avaḥ | ā | vṛṇe | tā | naḥ | mṛḷātaḥ | īdṛśe
देवता — इन्द्रावरुणौ ; छन्द — गायत्री; स्वर — षड्जः;
ऋषि — मेधातिथिः काण्वः
मन्त्रार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
मैं जिन (सम्राजोः) अच्छी प्रकार प्रकाशमान (इन्द्रावरुणयोः) सूर्य्य और चन्द्रमा के गुणों से (अवः) रक्षा को (आवृणे) अच्छी प्रकार स्वीकार करता हूँ, और (ता) वे (ईदृशे) चक्रवर्त्ति राज्य सुखरूप व्यवहार में (नः) हम लोगों को (मृळातः) सुखयुक्त करते हैं॥1॥
भावार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
जैसे प्रकाशमान, संसार के उपकार करने, सब सुखों के देने, व्यवहारों के हेतु और चक्रवर्त्ति राजा के समान सबकी रक्षा करनेवाले सूर्य्य और चन्द्रमा हैं, वैसे ही हम लोगों को भी होना चाहिये॥1॥
रामगोविन्द त्रिवेदी (सायण भाष्य के आधार पर)
1. मैं सम्राट इन्द्र और वरुण से, अपनी रक्षा के लिए, याचना करता हूँ। ऐसी याचना करने पर ये दोनों हमें सुखी करेंगे।
Ralph Thomas Hotchkin Griffith
1. I CRAVE help from the Imperial Lords, from Indra-Varuna; may they Both
favour one of us like me.
Translation of Griffith
Re-edited by Tormod Kinnes
I CRAVE help from the Imperial lords, from Indra-Varuna; may they Both
favour one of us like me. [1]
Horace Hayman Wilson (On the basis of Sayana)
1. I seek the protection of the sovereign rulers, Indra and Varuna: may they both favour us accordingly.
Samrajoh, of the two emperors; but Raja is, in general, equivocally used, meaning shining, bright, as well as royal- so that Sayana explains the term, possessed of extensive dominion, or shining very brilliantly. Indra may claim the title of Raja, as chief of the gods, but it seems to be in a more especial manner appropriated to Varuna.1