ऋग्वेदः 1.11.5
त्वं वलस्य गोमतोऽपावरद्रिवो बिलम्। त्वां देवा अबिभ्युषस्तुज्यमानास आविषुः॥5॥
पदपाठ — देवनागरी
त्वम्। व॒लस्य॑। गोऽम॑तः। अप॑। अ॒वः॒। अ॒द्रि॒ऽवः॒। बिल॑म्। त्वाम्। दे॒वाः। अबि॑भ्युषः। तु॒ज्यमा॑नासः। आ॒वि॒षुः॒॥ 1.11.5
PADAPAATH — ROMAN
tvam | valasya | go–mataḥ | apa | avaḥ | adri-vaḥ | bilam | tvām | devāḥ |
abibhyuṣaḥ | tujyamānāsaḥ | āviṣuḥ
देवता — इन्द्र:; छन्द — भुरिगुष्णिक् ; स्वर — ऋषभः ;
ऋषि — जेता माधुच्छ्न्दसः
मन्त्रार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
(अद्रिवः) जिसमें मेघ विद्यमान है ऐसा जो सूर्य्यलोक है, वह (गोमतः) जिसमें अपने किरण विद्यमान हैं, उस (अबिभ्युषः) भयरहित (बलस्य) मेघ के (बिलम्) जलसमूह को (अपावः) अलग-2 कर देता है, (त्वाम्) इस सूर्य्य को (तुज्यमानासः) अपनी-2 कक्षाओं में भ्रमण करते हुए (देवाः) पृथिवी आदिलोक (आविषुः) विशेष करके प्राप्त होते हैं॥5॥
भावार्थ — महर्षि दयानन्द सरस्वती
जैसे सूर्य्यलोक अपनी किरणों से मेघ के कठिन-2 बादलों को छिन्न-भिन्न करके भूमि पर गिराता हुआ जल की वर्षा करता है, क्यों कि यह मेघ उसकी किरणों में ही स्थित रहता, तथा इसके चारों ओर आकर्षण अर्थात् खींचने के गुणों से पृथिवी आदि लोक अपनी-2 कक्षा में उत्तम-2 नियम से घूमते हैं, इसीसे समय के विभाग जो उतरायण, दक्षिणायण तथा ॠतु, मास, पक्ष, दिन,घड़ी, पल आदि हो जाते हैं, वैसे ही गुणवाला सेनापति होना उचित है॥5॥
रामगोविन्द त्रिवेदी (सायण भाष्य के आधार पर)
5. वज्र-युक्त इन्द्र! तुमने गो-हरण-कर्त्ता बल नाम के असुर की गुहा उद्घाटित की थी। उस समय बलासुर के निपीड़ित होने पर देव लोगों ने निर्भय होकर तुम्हें प्राप्त किया था।
Ralph Thomas Hotchkin Griffith
5. Lord of the thunder, thou didst burst the cave of Vala rich in cows. The
Gods came pressing to thy side, and free from terror aided thee,
Translation of Griffith Re-edited by Tormod Kinnes
Lord of the thunder, you didst burst the cave of Vala rich in cows. The gods came pressing to your side, and free from terror aided you, [5]
Horace Hayman Wilson (On the basis of Sayana)
5. Your, wielder of the thunderbolt, did open the cave of Vala, who had there concealed the cattle; and the gods whom he had oppressed, no longer feared when they had obtained you (for their ally).
Vala, according to the Scholiast, was an Asura, who stole the cows of the gods and hid them in a cave; Indra surrounded the cave with his army, and recovered the cattle. In the legend, as cited from the Anukramanika the Panis, formerly noticed as the cow-stealers, are said to be the soldiers of Vala, and the actual thieves and concealers of them in the cave. Rosen conceives some relation to exist between this legend and that of Cacus quas fabulas aliquo cognation is vinculo inter se contineri, et ex uno eodemque fonte quantumvis remoto, derivatas esse persuasum quidem est mihi- Adnotationes, p. xxi); but the story is likely to have originated in incidents· common to an early and partly pastoral stage of society: we have the Cacus of the Highlands, and the Vala of the Veda, in such worthies as Donald Ben Lean.